[वेद और वेदांत बलिदान को प्रेरित अपनी सफलता के सभी Tolo प्रकाश प्रकाश में अपने चरित्र के गठन पर निर्भर करेगा।]


[वेद और वेदांत बलिदान को प्रेरित अपनी सफलता के सभी Tolo प्रकाश प्रकाश में अपने चरित्र के गठन पर निर्भर करेगा।]
आप वेदों का त्याग नहीं पा रहे हैं तो वेदांत के प्रकाश में जागृत करने के लिए सक्षम नहीं होगा। अपने चरित्र के प्रकाश के साथ अपने जीवन वेदांत वेदों में पता करने के लिए शुरू हो जाएगा और बलिदान वेदांत के प्रकाश में प्रबुद्ध जाएगा। और अगर आप अपनी सफलता के बारे में चिंता स्वार्थी चाहते हैं, हालांकि, कभी भारत के दर्शन की रोशनी देख नहीं होंगे। हर किसी के लिए उपयुक्त है, और अपने खुद के चरित्र का निर्माण और इस रास्ते पर अपनी सफलता से लड़ने Calao देखेंगे करने के लिए प्रयास करें। क्योंकि मानव जीवन चरित्र के गठन पर अपनी छड़ी की सफलता है। जो लोग केवल अपने और अपने परिवार, उदार और महान चरित्र के बारे में लगता है कि वे का निर्माण करने में सक्षम नहीं हैं। जो लोग मानव जाति और भगवान के निर्माण के बारे में सोचते हैं, और उद्योग के साथ जुड़े होने के लिए अपने आप को अपने महान और उदार चरित्र के तहत एक कलाकार है कि वे का निर्माण करने में सक्षम थे के रूप में विकसित करने की कोशिश की। भगवान के तहत इस धरती पर कलाकारों के सब। वे उसकी आँखों में कला का रूप के निर्माता के चरणों में खुद को समर्पित कर सकते हैं, तो वे महान हो जाते हैं। आदमी के रूप में आदमी के निर्माण, लेकिन सुंदर रूप और उदार दिल और खेती करने की कोशिश नहीं करते के साथ आदमी। प्रजापति --- आप के रूप में उद्योगों की स्थापना के लिए सुंदर कुछ भी कमी नहीं थी। उद्योग में सभी कलाकारों के लिए उपयुक्त है, आप इसे का निर्माण नहीं कर सकते हैं, तो आप इस उद्योग में पैसा नहीं होगा। आप इंसान की इच्छाओं Sabaya बना सकते हैं, लेकिन क्यों एक दृष्टिकोण के साथ एक बाल कलाकार को जन्म नहीं दे सकता है? और किसी भी शरारत पृथ्वी पर नहीं हो सकता है अगर आज। मानव उद्योग के विभिन्न रूपों पृथ्वी के निर्माता थे और कला के कार्यों के लायक थे। तो इससे पहले कि आप उस बच्चे को बताना उचित silpirupe के माध्यम से अपने आप को बलिदान वेदों बिल्ड --- तब को जन्म दिया सामान्य देखने के उद्योग में हर किसी को दिखाई देगा। शिक्षा आप के लिए एक पवित्र कला bisbamanaba है - कि इस उद्योग में सभी श्रमिकों को उनके बेटों के प्रकाश में वेदांत के सामान्य नियमों के तहत बनाया जाएगा कोयला प्रकाश होगा। उनके चरित्र निर्माण करने के लिए माता-पिता को चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। वे उद्योग पृथ्वी पर एक वैदिक संस्था का विकास होगा में से एक हैं। हरि ओम ईमानदार गूंथना।

বেদ যজ্ঞ করে বেদান্তের আলো নিয়ে সকলকে জাগিয়ে তোলো--- তোমার সাফল্য তোমার সেই আলোতে চরিত্র গঠনের উপর নির্ভর করবে।


[ বেদ যজ্ঞ করে বেদান্তের আলো নিয়ে সকলকে জাগিয়ে তোলো- তোমার সাফল্য তোমার সেই আলোতে চরিত্র গঠনের উপর নির্ভর করবে।]
তোমরা বেদ যজ্ঞ না করলে কেউ বেদান্তের আলো নিয়ে জেগে উঠতে পারবে না। তোমাদের জীবনটাই বেদান্তের আলো দিয়ে গঠিত তা জেনে বেদ যজ্ঞ শুরু করো দেখবে তোমাদের চরিত্র বেদান্তের আলোকে আলোকিত হয়ে উঠবে। আর যদি তোমরা স্বার্থপরের ন্যায় কেবল নিজের সাফল্য নিয়ে চিন্তা করো তবে কোনদিন ভারত হয়ে ভারত দর্শনের আলো দেখতে পাবে না। নিজের চরিত্র সবার উপযোগী করে গড়ে তোলার জন্যে চেষ্টা ও সংগ্রাম চালাও- দেখবে এই পথেই তোমার সাফল্য আসবে। কারণ মানুষের জীবনের সাফল্য কাঠি রয়েছে তার নিজের চরিত্র গঠনের উপর। যারা কেবল নিজের কথা ও নিজের পরিবারের কথা চিন্তা করে তারা নিজের চরিত্রকে উদার ও মহৎ করে গড়ে তুলতে সক্ষম হয় না। যারা মানব জাতি ও স্রষ্টার সৃষ্টির কথা চিন্তা করে ও তাঁর শিল্পের সাথে যুক্ত হয়ে নিজেকে তাঁর অধীনে শিল্পী রূপে গড়ে তোলার চেষ্টা চালায় তারা নিজেদের চরিত্রকে মহৎ ও উদার করে গড়ে তুলতে সক্ষম হয়। এই পৃথিবীতে সকলেই স্রষ্টার অধীনে শিল্পী। তারা যদি নিজেদের শিল্পকে সুন্দর রূপ দিয়ে স্রষ্টার চরণে উৎসর্গ করতে পারে তাহলেই তাঁর দৃষ্টিতে তারা মহৎ হয়ে উঠে। তোমরা মানুষ হয়ে মানুষের সৃষ্টি করো কিন্তু সেই মানুষকে সুন্দর রূপ দিয়ে উদার ও মহৎ করে গড়ে তোলার চেষ্টা করো না। স্রষ্টা কোনো কিছুর অভাব রাখেননি--- তোমাদের শিল্পকে সুন্দর রূপে গড়ে তোলার জন্যে। শিল্পী হয়ে যদি তোমার শিল্পকে সবার উপযোগী করে গড়ে তুলতে না পারো তবে তোমার তৈরী শিল্পের কেউ মূল্য দেবে না। তোমরা সবায় কামনা-বাসনার শিকার হয়ে মানুষের সৃষ্টি করতে পারো কিন্তু শিল্পী মনোভাব নিয়ে কোনো সন্তানের জন্ম দিতে পারো না কেনো ? যদি পারতে তাহলে আজ পৃথিবীর বুকে কোনো অশান্তির সৃষ্টি হতো না। মানব শিল্প আলাদা রূপ পেত পৃথিবীর বুকে ও স্রষ্টার শিল্প গড়া সার্থক হত। তাই বলতেই হয় যে সন্তানের জন্ম দেওয়ার আগে তোমরা বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে নিজেদেরকে উপযুক্ত শিল্পীরূপে গড়ে তোলো--- তারপর সন্তানের জন্ম দাও—দেখবে সেই শিল্প সকলের উপযোগী হয়ে স্বাভাবিক ভাবে ফুটে উঠবে। তোমাদের নিকট বিশ্বমানব শিক্ষা একটি পবিত্র শিল্প – এই শিল্পের অধীনে যে সমস্ত কর্মী তৈরী হবে—তাদের সন্তান- সন্ততি স্বাভাবিক নিয়মে বেদান্তের আলো নিয়ে পৃথিবীর কোল আলো করবে। তাদের চরিত্র গড়ে তোলার জন্য পিতা-মাতাকে চিন্তা করতে হবে না। তারা নিজেরাই শিল্প হয়ে এক একটা বৈদিক প্রতিষ্ঠান রূপে গড়ে উঠবে পৃথিবীর বুকে। হরি ওঁ তৎ সৎ। 

[बलिदान वेदों के माध्यम से आप अपने आप को शहर को दूसरे सेट में आग से मुक्त निंदा करते हैं, क्योंकि वे nindapriya]


[बलिदान वेदों के माध्यम से आप अपने आप को शहर को दूसरे सेट में आग से मुक्त निंदा करते हैं, क्योंकि वे nindapriya]
 जो लोग वेद, जो परिवाद-बदनामी में रहती है की रचना नहीं जानते कि लोगों nindapriya dharadhame हो जाता है। वे हमेशा कि दो टीमों बनाता रंग की एक किस्म में सच विकृत। जीवन और समय घर Ghare, समाज-समाज, ग्रामीण गांवों में बिताया है, और देश कि देश में शरारत करने, और आग के दौरान वे परिवाद-गपशप। इस उथलपुथल nindapriya किसी भी कमरे pratisthane की जड़ में है। उनके पैशाचिक उत्सुक ज्ञान, लेकिन बहुत कम। कौन ज्ञान उत्सुक के कुछ शब्दों के साथ इस खा जाएगा। शहर में एक घर में आग लगी है और अतीत में युद्ध की ध्वनि के शब्दों तालमेल रखने के लिए के रूप में वे इस नृत्य मास्टर की जरूरत होगी। Nindapriya कि वे नहीं जानते कि क्या नुकसान पुरुषों है कि वे खुद को कितना नुकसान के बारे में वह है के बारे में पता नहीं कर रहे हैं। तो, जो आसपास के क्षेत्र में अविश्वास लोगों से मुक्त है, वे बुद्धिमान होते हैं। तुम भी कभी किसी की निंदा नहीं होगा हमेशा न्याय की गुणवत्ता की प्रशंसा होगी। कई बार कर रहे हैं, जैसे हर आदमी इसके लिए जिम्मेदार है। वहाँ गुण है कि परमेश्वर ने अपने स्वरूप को देखते हुए किया गया है, और इस नकारात्मकता कि। आप केवल गुण है कि प्रोत्साहित करने और प्रशंसा करेंगे चर्चा करेंगे। इस नकारात्मकता के प्राकृतिक गुणों के आगे विकास का एक परिणाम के रूप में संशोधित किया जाएगा। शिक्षण स्टाफ है कि आप अपने समूह या समाज में किसी को भी टूट रहे हैं कि बात नहीं करते Bisbamanaba। यही कारण है कि यह तुच्छ या बेकार है कि बिजली की हानि है? हमेशा सत्य के रूप में सुंदर का पता चल जाएगा। शिक्षा रणनीति सच्चाई का पता चलता है। आप अपने आप को इस रणनीति को शिक्षित नहीं करते हैं, तो आप कहने के लिए सक्षम नहीं होगा। बच्चों को उकसाने शिक्षित बनने के लिए का निर्माण, यदि आप किसी अन्य पार्टी या अपने स्वयं के एक समूह से बात करते-यह की निंदा नहीं समझ सकते हैं। आप के लिए खुद का बलिदान के माध्यम से वेद, और तुम तो नहीं जाल में बंद किया जा रहा है किसी भी prasansara की निंदा के रूप में प्रकाशित किया जाएगा, और आप किसी को भी चोट नहीं कर सकते। और वहाँ मुफ्त पुरुषों, और नि: शुल्क की खुशी में टहलने की तरह कुछ भी नहीं है वेदों के नाम पर बलिदान की स्तुति से Ninda वृद्धि bisbamanaba शिक्षण स्टाफ पुरुषों था। मदर इंडिया जीत जीतने के लिए।

বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে তোমরা অপরের নিন্দা থেকে নিজেকে মুক্ত রাখো কারণ নিন্দাপ্রিয় লোকেরা নগরে আগুন লাগায়।


 যারা নিজের জীবন বেদ রচনা করতে জানে না তারাই পরনিন্দা—পরচর্চা করে  নিন্দাপ্রিয় লোক হয়ে উঠে এই ধরাধামেতারা সর্বদা সত্যকে বিকৃত করে নানা রকম রঙ লাগিয়ে দুই দলের সৃষ্টি করে। সারা জীবন ধরে তারা কেবল পরনিন্দা—পরচর্চা করেই সময় অতিবাহিত করে ও ঘরে –ঘরে, সমাজে—সমাজে, গ্রামে—গ্রামে ও দেশে—দেশে অশান্তি সৃষ্টি করে ও আগুন লাগায়। যে কোনো ঘরে –প্রতিষ্ঠানে অশান্তির মূলে এই নিন্দাপ্রিয় লোকেরা। তাদের জ্ঞান অতি সামান্য কিন্তূ শয়তানি বুদ্ধি প্রখর। কাকে কোন কথা বললে সঙ্গে সঙ্গে গিলে খাবে এই জ্ঞান এদের প্রখর। কখন কোন কথায় কোন ঘরে ও নগরে আগুন লাগবে ও যুদ্ধের দামামা বেজে উঠবে এই তালে তারা তাল মেলাতে ওস্তাদ। নিন্দাপ্রিয় লোকেরা মানুষের কী ক্ষতি করে তারা নিজেরাই জানে না—সেই সঙ্গে তারা নিজেদের কত ক্ষতি করে সে ব্যাপারেও সচেতন নয়। তাই যারা এ সব অবিশ্বাসী লোকদের সান্নিধ্য থেকে মুক্ত থাকে, তারাই বুদ্ধিমান। তোমরাও কখনো কারো নিন্দা করবে না—সর্বদা মানুষের প্রশংসা করবে তার গুণের দিক বিচার করে নিয়ে। প্রত্যেক মানুষের যেমন দোষ আছে তেমনি গুণ আছে। যে গুণগুলি আছে তা ঈশ্বর প্রদত্ত আর যে দোষগুলি আছে তা তার স্বভাবজাত। তোমরা কেবল মানুষের গুণগুলি নিয়ে আলোচনা করবে এবং তার প্রশংসা করে উৎসাহ দেবে। এর ফলে মানুষের স্বভাবজাত দোষগুলি সংশোধিত হয়ে গুণগুলির আরো বিকাশ ঘটবে। তোমরা বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী হয়ে এমন কোনো কারো বিরুদ্ধে কথা বলবে না যে তোমাদের দল বা সংঘ ভেঙ্গে যায়। যে কথা তুচ্ছ বা মূল্যহীন তা বলে কেন শক্তি ক্ষয় করবে? সর্বদা সত্যকে সুন্দর রূপে প্রকাশ করবে। সত্যকে প্রকাশ করার কৌশল হচ্ছে শিক্ষা। এই কৌশল না জানলে তোমরা নিজেকে শিক্ষিত বলে পরিচয় দিতে পারবে না। তোমরা শিক্ষিত ছেলেমেয়ে হয়ে উস্কানি মূলক কথা বলে বা একদল অপর দলের নিন্দা করে নিজেদের ক্ষতি নিজেরাই করছো—তা কি উপলব্ধি করতে পারছো না। বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে তোমরা নিজেকে ভারত রূপে প্রকাশিত করতে থাকো তাহলেই দেখবে আর তোমরা কোনরূপ নিন্দা –প্রশংসার জালে আবদ্ধ হয়ে থাকছো না ও তোমাদের দ্বারা কারো কোন ক্ষতিসাধন হচ্ছে না। মুক্ত পুরুষ হয়ে বিচরণ করার মতো আনন্দ আর কিছুতেই নাই—আর এই মুক্ত পুরুষ মানুষকে হতে হয় নিন্দা- প্রশংসার ঊর্ধ্বে উঠে ভারত নাম নিয়ে বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী হয়ে। জয় ভারত মাতার জয়।


[Bisbamanaba भगवान नहीं, युद्ध के कारण में बलिदान की वेद द्वारा शिक्षण स्टाफ, और जो सत्य को नहीं समझ सकते हैं।]


[Bisbamanaba भगवान नहीं, युद्ध के कारण में बलिदान की वेद द्वारा शिक्षण स्टाफ, और जो सत्य को नहीं समझ सकते हैं।]
 मानव जाति के लिए अपना जीवन बलिदान के बिना वेद वेद सीखना है। वेद सत्य, अपने जीवन के साथ अपने जीवन की सच्चाई का पता करने के लिए है। मैं सत्य, सत्य की खोज में विश्वास करते हैं, जो सच्चाई को समझ सकते हैं। सच्चाई यह है कि किसी को भी एक सच्चाई को नहीं मार सकते बना सकते है। वास्तव में, यह सच था, सच्चाई रहेगा। झूठ मौजूद नहीं है, और झूठ और ऊपर कवर नहीं करेंगे सच्चाई यह nasamayikabhabe, इस अवधि के दौरान नष्ट हो गया था। अगर निर्माता या भगवान जो अंतरिक्ष बनाया गया है पर इतना बड़ा है? जमीन का कोई अंत नहीं है और इस आधार पर कि जगह बनाने के लिए शुरू करते हैं। मैं तो अंतरिक्ष, ग्रहों-naksatrarajike व्यवस्थित करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों मैं अपनी बात manacho होगा? क्या होगा यदि मैं अपने अंतरिक्ष में कहीं भी मौजूद नहीं है? सर्वशक्तिमान ईश्वर, हमारे पिता, और मैं सभी srasta अला isbara हूँ। किस तरह का मेरा तरीका लड़ने अगर तुम मुझे पता नहीं है? दूसरी सच्चाई यह है कि मैं करने में सक्षम हो सकता है? मैं सभी प्राणियों की आत्मा हूँ, मैं आत्मा के रूप में स्थिति beingss रह रहा हूँ। मुझे जानने, जानते हुए भी कि घर में ज्ञान की खोज के रूप में अपना आत्मा और सच्चाई का पता करने के लिए सक्षम हैं। जिस तरह से कि मैं देखना चाहता हूँ, उसे आकार प्रदान करता है कि देखते हैं। मैं जब तक धर्मयुद्ध मेरे रास्ते में किसी को भी नहीं देख सकते हैं, और सच नहीं समझ सकते हैं। हम पृथ्वी पर मनुष्य बनाया है मुझे और मेरे कृतियों को पता है bisbamanaba शिक्षण स्टाफ के रूप में घर अच्छा रखने के लिए व्यवस्था की। कुछ भी नष्ट नहीं। लोग मुझे भूल गए हैं, वे गोजातीय bisbamanaba शिक्षण स्टाफ के अपने अर्थ खो एक गुलाम बन गया है। गुलामी गुलामी मेरी खुशी और धन नहीं है। मैं जिस तरह से वे वाचा-शैतानी पकड़ा भूल गए हैं पर लोगों के साथ सौदा किया था। वेदों इस दुनिया में जो janmamrtyura में सच्चाई की सेवा में धन और सुख त्याग नहीं करते कभी नहीं पता है कि वे सच्चाई के रास्ते में खड़ा नहीं कर सकते। हरि ओम ईमानदार गूंथना।

বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী হয়ে ঈশ্বরের পথে ধর্মযুদ্ধ না করলে কেউ সত্যকে উপলব্ধি করতে পারে না।


[ বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে  বিশ্বমানব  শিক্ষার কর্মী হয়ে ঈশ্বরের পথে ধর্মযুদ্ধ না করলে কেউ সত্যকে উপলব্ধি করতে পারে না।]
 বেদ যজ্ঞ করেই মানুষকে নিজের জীবন বেদ জানতে হয়।  নিজের জীবনের সত্যকে জানতে হয় নিজের জীবন বেদের সত্য দিয়ে। তাই সত্যের প্রতি বিশ্বাস রেখে যারা সত্যের সাধনা করে তারাই সত্যকে উপলব্ধি করতে পারে। সত্য কেউ সৃষ্টি করতে পারে না আবার সত্যকে কেউ ধ্বংসও করতে পারে না। সত্য আছে, সত্য ছিল, সত্য থাকবে। মিথ্যার অস্তিত্ব নেই, ছিল না ও থাকবে না।সাময়িকভাবে সত্যকে ঢাকা দিয়ে মিথ্যা জেগে ওঠে, আবার কালের কবলে বিনাশ হয়। স্রষ্টা বা ঈশ্বর না থাকলে কে মহাশূন্যের উপর এত বিশাল সৃষ্টি করে রেখেছেন? যে সৃষ্টির কোনো আরম্ভ স্থল ও শেষ স্থল নেই মহাকাশের বুকে। যদি আমি না থাকতাম তবে কে এই মহাশূন্যে গ্রহ-উপগ্রহ-নক্ষত্ররাজিকে সাজিয়ে ধরে রাখতো? আমি যদি না থাকতাম তবে কেন তোমরা আমার নির্দেশ মানছো?আমি যদি না থাকি তবে কি তোমাদের মহাশূন্যের কোথাও অস্তিত্ব থাকবে? আমিই হলাম সকলের স্রষ্টা- ঈশ্বর- আল্লা- গড ও সর্বশক্তিমান পরমপিতাআমার পথে সংগ্রাম না করলে আমাকে জানবে কী প্রকারে? আমি ছাড়া দ্বিতীয় সত্য পাবে কোথায়? আমিই সকল জীবের আত্মা—আমি সর্বভূতে আত্মা রূপে অবস্থান করি। আমাকে জেনে যে নিজেকে আত্মা রূপে জানে সেই আমার জ্ঞান-বিজ্ঞানের ঘরে বসে সাধনা করে সত্যকে জানতে সক্ষম হয়। যে যেভাবে আমাকে দেখতে চায়, আমি তাকে সেই রূপ প্রদান করে দেখা দিই। আমার পথে ধর্মযুদ্ধ না করলে কেউ আমাকে দেখতে পায়না ও সত্যকে উপলব্ধি করতে পারেনা। আমি মানুষকে সৃষ্টি করেছি পৃথিবীর বুকে বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী রূপে আমাকে জানার জন্যে ও আমার সৃষ্টিকে সুন্দর দিয়ে ঘর সাজিয়ে রাখার জন্যে। কোনো কিছুকে ধ্বংস করার জন্য নয়। মানুষ নিজের জ্ঞান হারিয়ে আমাকে ভুলে গেছে—তারা বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী না হয়ে জড়বুদ্ধির দাস হয়ে পড়েছে। আমার দাসত্ব না করে সুখ-সম্পদের দাসত্ব করছে। মানুষের সাথে আমার যে চুক্তি ছিল—সেই চুক্তির পথ ধরে চলতে তারা ভুলে গেছে—শয়তানি বুদ্ধির কবলে পড়ে।  বেদ যজ্ঞ না করে যারা  এই জগতের সুখ-সম্পদ –জন্মমৃত্যুর দাসত্ব করে তারা কখনো সত্যকে উপলব্ধি করে সত্যের পথে স্থির থাকতে পারেনা। হরি ওঁ তৎ সৎ।  

বেদ যজ্ঞ করে অসম্ভবকে সম্ভব করো তোমরা মনের জোরে।

 [ বেদ যজ্ঞ করে অসম্ভবকে সম্ভব করো তোমরা মনের জোরে]
অসম্ভব বলে মানুষের শক্তির কাছে কিছু নেই। মানুষ ইচ্ছে করলেই অসম্ভবকে সম্ভব করতে পারে মনের জোরে। বেদ যজ্ঞের মাধ্যমে তোমরা মনের জোর বাড়াতে থাকো প্রতিদিন একটু একটু করে ভালো কাজ করার মাধ্যমে। দেখবে ভবিষ্যতে তোমরা মনের জোরে অনেক বড়ো বড়ো কাজ অনায়াসে করতে পারবে। ভালো কাজ শুরু করাটাই কঠিন। শুরু  করে দিলে সেই কাজ স্বাভাবিক নিয়মে বাধাবিঘ্ন পার হয়ে এগিয়ে চলতে থাকবে। টাটা-বিড়লা—গোয়েংকা কেউ প্রথমে ভাবতে পারেনি তাদের ভবিষ্যৎ বিশ্বব্যাপী ছড়িয়ে পড়বে। তারা ছোটো থেকেই এত বড়ো হয়েছে, অসম্ভবকে সম্ভব করতে পেরেছে। তোমরা বিশ্বমানব শিক্ষার কর্মী কেন পারবে না অসম্ভবকে সম্ভব করতে? কেন তোমরা তোমাদের শুভবার্তা বিশ্বের সকল মানুষের কাছে পৌঁছে দিতে পারবে না? তোমরা যে কাজে হাত দিয়েছো তাতো বিশ্বের সকল মানুষের মঙ্গলজনক কাজ। একবার ইচ্ছা শক্তিকে জাগ্রত করে মাঠে নামো, দেখবে বুদ্ধির দুয়ার খুলে যাবে ও দ্রুতগতিতে এগিয়ে যাবে বিশ্বজয়ের পথে। বাধাবিঘ্ন যত আসবে তত তাড়াতাড়ি এগোতে থাকবে প্রকৃতির নিয়মে। তোমরা ভাবছো বিশ্বমানব শিক্ষা মঞ্চে টাকা আসবে কোথা থেকে? তোমরাই বিশ্বমানব শিক্ষার সম্পদ তোমাদের সম্পদ দিয়েই টাকার পাহাড় জমে উঠবে। তোমরা কেবল তোমাদের জ্ঞান-বুদ্ধিকে বিশ্বমানব শিক্ষা শিল্পে কাজে লাগাও। তোমাদের সংঘবদ্ধ শক্তি সমস্ত প্রকার অসম্ভবকে সম্ভব করে বিশ্ববাসীকে পথ দেখাবে। তোমাদের কোনো কিছুর অভাব নেই – কেবল অভাব পরিকল্পনা নিয়ে কাজে নেমে পড়ার উৎসাহের। তোমরা যখন কেবল নিজের কথা চিন্তা করবে- নিজের প্রতিষ্ঠার কথা চিন্তা করবে, তখন তোমরা দুর্বল হয়ে শক্তিহীন হয়ে পড়বে, আর সবকিছু কাজকেই অসম্ভব বলে মনে হবে। আর যখন তোমরা সংঘবদ্ধ হয়ে সকলের মঙ্গলের জন্যে  কেবল পরিকল্পনা নেবে , তখন দেখবে সেটা যতই অসম্ভব হোক তা অতি সহজে সম্ভব হয়ে উঠবে। মনে রাখবে যারা নিজের প্রতিষ্ঠার জন্যে বা নিজের নামের জন্যে লোককে বিভিন্নভাবে সংঘবদ্ধ করে তারা কেউ কাম-ক্রোধ-লোভ-মোহ- মদ ও মাৎসর্যকে দমন করে তাদের তামসিক ও রাজসিক বৃত্তিকে দমন বা ত্যাগ করে সাত্ত্বিক বৃত্তিতে নিজের মন- বুদ্ধি- অহংকারকে স্থির রাখতে পারে না। তাই তারা নিজেরাও যেমন অশান্তির আগুনে জ্বলে তেমনি তাদের অধীনস্থ জীবকেও সেই আগুনেই নিক্ষেপ করে। হরি ওঁ তৎ সৎ।